एकाग्रता (Ekagrata) क्या है? हमारे जीवन में एकाग्रता की क्या भूमिका है? एकाग्रता से क्या-क्या प्राप्त करने में हम सहायक होते हैं? Ekagrata के बिना व्यक्ति क्या नहीं पा सकता है? आइए कुछ विश्व प्रसिद्ध विचार को की दृष्टिकोण को जानते हैं। एकाग्रता पर किन महापुरुषों ने क्या कहा? आइए कुछ महत्त्वपूर्ण विचार, एकाग्रता पर दृष्टिकोण डालते हैं तो चलिए स्टार्ट करें।
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एकाग्रता क्या है? (Ekagrata kya hai)
जीवन में एकाग्रता (Concentration) की क्या भूमिका है? एकाग्रता से क्या-क्या प्राप्त करने में सहायता मिलती है। Ekagrata के बिना व्यक्ति क्या नहीं पा सकता? आइये जानें एकाग्रता क्या है? Ekagrata एक ऐसा शब्द है जो एक होने की अवस्था (Mind Concentrate) को दर्शाता है। जब हम एकाग्र होते हैं, तो हम समय के एक विशेष कार्य करने के लिए ध्यान केंद्रित (Strong Target) करते हैं। ekagrata का अर्थ है एक साथ लगातार कुछ करना (मन लगाकर) जो हमें बेहतर रिजल्ट प्राप्त करने में मदद करता है। इसलिए, Ekagrata एक महत्वपूर्ण गुण है जो इंसान को अपने लक्ष्य की दिशा में अधिक सफलता (Success) प्राप्त करने में मदद करता है।
विश्व-प्रसिद्ध विचारकों के दृष्टिकोण से।
1-एकाग्रता (Concentration) एक कला है, जिसके आते ही सफलता निश्चित हो जाती है। कर्म, भक्ति, ज्ञान, योग और सम्पूर्ण साधनों की सिद्धि का मूलमंत्र एकाग्रता है। (दीनानाथ दिनेश)
2-पवित्रता के बिना एकाग्रता (Ekagrata) का कोई मूल्य नहीं है। (स्वामी शिवानन्द)
3-तुम Ekagrata द्वारा उस अनन्त शक्ति के अटूट भण्डार के साथ मिल जाते हो, जिसमें इस ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हुई है। (अज्ञात)
4-अपनी अभिलाषाओं को वशीभूत कर लेने के बाद मन को जितनी देर तक चाहो एकाग्र (Concentrated) किया जा सकता है। (स्वामी रामतीर्थ)
5-साठ वर्ष के बूढ़े में उत्साह और सामर्थ्य नजर आ सकता है यदि उसका चित्त एकाग्र (Concentrated) हो। (विनोबा भावे)
6-ध्यान और समाधि एकाग्रता (Ekagrata) के बिना सम्भव नहीं। (मनुस्मृति)
7-मन में एकाग्र (Concentrated) शक्ति प्राप्त करने वाले मनुष्य संसार में किसी में किसी समय असफल नहीं होते। (अज्ञात)
8-एकाग्र (Concentrated) हुआ चित्त ही पूर्ण स्थिरता को प्राप्त होता है। सुखी का चित्त एकाग्र होता है। (महात्मा बुद्ध)
9-अपनी अभिलाषाओं को वशीभूत कर लेने पर मन को जितनी देर तक चाहो Concentrated किया जा सकता है। (स्वामी रामतीर्थ)
10-Ekagrata से विनय प्राप्त होती है। (चार्ल्स बक्सन)
जीवन में एकाग्रता की क्या भूमिका है (Jeevan Me Ekagrata)
11-एकाग्रता (Concentration) आवेश को पवित्र और शान्त कर देती है, विचारधारा को शक्तिशाली और कल्पना को स्पष्ट करती है। (स्वामी शिवानन्द)
12-तुम्हारी विजयशक्ति है मन की एकाग्रता (Ekagrata) । यह शक्ति मनुष्य जीवन की समस्त ताकतों को समेटकर मानसिक क्रांति उत्पन्न करती है। (अज्ञात)
13-अनिश्चितमना पुरुष भी मन को एकाग्र (Concentrated) करके जब सामना करने को खड़ा होता है तो आपत्तियों का लहराता हुआ समुद्र भी दुबककर बैठ जाता है। (तिरुवल्लुवर)
14-जिसका चित्त Concentrated नहीं है वह सुनकर भी कुछ नहीं समझता। (नारद पुराण)
15-संसार के प्रत्येक कार्य में विजय पाने के लिए एकाग्रचित् होना आवश्यक है। जो लोग चित्त को चारों ओर बिखेरकर काम करते हैं उन्हें सैंकड़ों वर्षों तक सफलता का मूल्य मालूम नहीं होता। (माले)
16-जबरदस्त एकाग्रता (Ekagrata) के बिना कोई भी मनुष्य सूझ-बूझ वाला, आविष्कारक, दार्शनिक, लेखक, मौलिक कवि या शोधकर्ता नहीं हो सकता। (स्वेट मार्डेन)
17-विनय प्राप्त करने के लिए Ekagrata की शरण लीजिए। (चार्ल्स बेकन)
18-सब धर्मों से महान् ईश्वरत्व वरण और इन्द्रियों की एकाग्रता (Ekagrata) है। (शंकराचार्य)
पोस्ट निष्कर्ष
दोस्तों अपने ऊपर दिए गए कंटेंट में एकाग्रता (Ekagrata) पर कुछ महान विचारकों के विचार जाने। एकाग्रता (Concentration) क्या है क्या नहीं है? कैसे हमारी जीवन को प्रभावित करती है? आदि तमाम जानकारी पड़ी। आशा है आपको यह जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी। पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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