चरित्र को धन और मान से भी उच्च माना गया है क्यों? जीवन में चरित्र के महत्त्व को सर्वाधिक क्यों माना गया है? चरित्र वल क्या है? चरित्र खराव होने की क्या हानियाँ हैं? सद्चरित्र व्यक्ति पूज्य क्यों माना जाता है। चरित्र की शक्ति क्या है? आइये जानें चरित्र पर मिनी निबंध, अच्छे चरित्र के लक्षण, चरित्र के निर्माण के लिए आवश्यक बातें, चरित्र ही सबसे बड़ा धन है आइए जानें चरित्र के बारे में,
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चरित्र-निर्माण के लिए आवश्यक
- (Abraham Lincoln) अब्राहम लिंकन ने कहा:-चरित्र वृक्ष के समान होता है और यश उसकी छाया के समान। अतः हम किसी विषय में जो सोचते हैं, वह तो छाया है, वास्तविक वस्तु तो
- (Mahatma Gandhi) महात्मा गांधी ने कहा:-यदि चरित्र के बजाय मनुष्य की महानता उसके कपड़ों से ऑकी जाती, तो महान् लोगों की सूची सौ गुना बढ़ जाती।
- (Sweat marden) स्वेट मार्डेन ने कहा:-संगति को चरित्र से जोड़ा जाता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति का चरित्र इतना सबल नहीं होता कि वह आस-पास की स्थितियों से प्रभावहीन रहे।
- (Premchand) प्रेमचंद ने कहा:-जिसमें दया नहीं, धर्म नहीं, निज भाषा से प्रेम नहीं, चरित्र नहीं, आत्मबल नहीं, वह भी कोई आदमी है?
- (Hitopadesh) हितोपदेश:-सामने तो शहद समान मधुर वचन बोले और पीछ निन्दा की छुरी मारे, ऐसे मित्र को त्याग देना बढ़िया है।
- (Ramakrishna Paramhansa) रामकृष्ण परमहंस ने कहा:-चरित्रवान बनो, संसार स्वयं तुम पर मुग्ध होगा। फूल खिलने दोगे तो मधुमक्खियाँ स्वत: ही चली आएंगी।
- (Valmiki) बाल्मीकि ने कहा:-तुम कुलीन हो या अकुलीन, वीर हो या कायर, पवित्र हो या अपवित्र यह आपके चरित्र से ज्ञात हो जाएगा।
- (Satya Sai Baba) सत्य साईं बाबा ने कहा:-हमारी बुद्धिमत्ता का अन्त स्वतन्त्रता है, संस्कृति का अन्त पूर्णता है, ज्ञान का अन्त प्रेम है और शिक्षा का अन्त चरित्र
चरित्र के लिए जो महापुरुषों ने बता
- (Mahatma Gandhi) महात्मा गांधी ने कहा:-चरित्र बनाना ही शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए इससे साहस का विकास होगा, गुणों में वृद्धि होगी और उद्देश्यों के प्रति लगन जागृत होगी।
- (Chidananda) चिदानन्द ने कहा:-चरित्र का सीधा सम्बन्ध हमारे हृदय से निकले उन विचारों से है जो कल्याण की खोज करते हैं।
- (Premchand) प्रेमचन्द ने कहा:-स्त्री के गुण पुरुष में तब आते हैं, जब वह महात्मा बन जाता है। स्त्री में पुरुष के गुण आ जाते हैं, तो कुल्टा हो जाती है।
- (Rigveda) ऋग्वेद:-चरित्र की शिक्षाएँ विद्वान और श्रेष्ठ कर्म करनेवालों से प्राप्त करें, खोटे स्वभाव के व्यक्ति को निकट न आने दें।
- (Swami Vivekanand) स्वामी विवेकानन्द ने कहा:-चरित्र निर्माण हो गया तो बाक़ी निर्माण स्वत: ही हो जाएँगे।
- (Ramakrishna Paramahansa) रामकष्ण परमहंस ने कहा:-मधुमक्खियाँ निमंत्रित नहीं की जा सकतीं, खिले फूल पर दौड़ आती हैं। जगत का इंतज़ार न करो। चरित्रवान बनो वह स्वयं आपके पास आयेगा।
- (Abraham Lincoln) अब्राहम लिंकन ने कहा:-हम छाया के विषय में ज़्यादा सोचते हैं, वक्ष के विषय में नहीं। लेकिन चरित्रक वक्ष है और यश उसकी छाया।
- (Valmiki) बाल्मीकि ने कहा:-मनुष्य के स्वरूप से ज्ञात हो जाता है कि वह किस प्रवृत्ति का है।
- (Aristotle) अरस्तु ने कहा:-चरित्र द्वारा शासित व्यक्ति वैसे ही श्रेष्ठ है जैसे जीवित मृतकों से।
- (Thiruvalluvar) तिरुवल्लुवर ने कहा:-चरित्र की शिक्षा पाए हुए के लिए सभी देश और सभी नगर पराए होकर भी अपने बन जाते हैं।
अच्छे चरित्र के निर्माण
- (Acharya Vedanta Tirtha) आचार्य वेदान्त तीर्थ ने कहा:-चरित्र निर्माण का अर्थ है स्वयं को अनुशासित, सुसंगठित और यथाक्रम बनाना।
- (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा:-अध्यापक का चरित्र इतना आदर्शमय होना चाहिए कि उसे देखकर ही शिक्षार्थी के मन में श्रद्धा के अंकुर उपज जाएँ।
- (Mahatma Gandhi) महात्मा गांधी ने कहा:-चरित्र मानव जीवन के लिए एक परम पावन और आवश्यक निधि है उसका निवास संसार में नहीं, हृदय में होता है।
- (Swami Vivekanand) स्वामी विवेकानन्द ने कहा:-चारित्रिक गठन इंसान की प्रथम आवश्यकता है।
- (James Allen) जेम्स एलन ने कहा:-मनुष्य का चरित्र वह वस्त्र है जो विचारों के धागों से बनता है।
- (J. Howes) जे. हॉवेज ने कहा:-सफेद काग़ज़ पर वह दाग, जो हट न सके, वही चरित्र है।
चरित्रवान बनने के लिए
- (Dotted) डॉटेड:-चरित्रवान व्यक्ति शिक्षा और ज्ञान में ही वृद्धि नहीं करता बल्कि वह दूसरों के दिलों में भी घर करता है।
- (Wartle) वार्टल:-चरित्र का हीरा विपदाओं के तमाम पाषाण खण्डों को भी काट देता है।
- (Emerson) इमर्सन:-चरित्र बगैर सफलता के भी रह सकता है।
- (Confucius) कनफयूशियस:-वह दुर्बल चरित्र वाला है जिसे स्वयं पर काबू नहीं।
- (Samuel Smiles) सैमुअल स्माइल्स:-चरित्र के आईने में छोटी-छोटी बातें शोभा पाती हैं और लम्बी चौड़ी बातें विकृत नज़र आती हैं।
- (Confucius) कनफ्यूशियस:-जिस मानव को अपने ऊपर काबू नहीं है और कमजोर चरित्र वाला है, वह उस सरकंडे के समान है जो वायु के झोंकों पर झुक जाता है।
- (disraeli) डिजरायली:-चरित्र परिवर्तनशील नहीं बल्कि उसका विकास होता है।
आवश्यक बातें चरित्र के लिए
- (Catharal) कैथराल:-चरित्र निर्माण के तीन आधार स्तम्भ हैं, अधिक निरीक्षण करना, अधिक अनुभव करना एवं अधिक अध्ययन करना।
- (Fielding) फील्डिंग:-अधिकांश पुरुष नारियों में वह खोजते हैं, जिसका स्वयं उनके चरित्र में अभाव होता है।
- (Romo) रोमो:-जीवन सफलता की ओर है तो चरित्रवान होने का द्योतक है, अन्यथा पतन के साथ चरित्रहीन होने का।
- (Magh) माघ:-चरित्र जब गिरता है तब मिट्टी के बर्तन की भाँति टुकड़े-टुकड़े हो जाता है।
- (George Bernard Shaw) जॉर्ज बर्नाड शो ने कहा:-स्त्री कभी भी पति की दौलत के कारण सुखी या दुखी नहीं होती। उसका सुख या दुख पति की योग्यता और चरित्र पर निर्भर करता है।
- (Collins) कॉलिन्स:-चरित्र की पहचान के लिए संगति की आवश्यकता नहीं। वार्तालाप से ही उसका ज्ञान हो जाता है। चरित्र वही है जो कि आप जानते हैं कि आप हैं, वह नहीं है जो दूसरे लोग सोचते हैं कि आप हैं।
- (Wartle) वार्टल:-तमाम स्तम्भिका एक हीरे से काटे जाते हैं जिसका नाम है चरित्र।
- (samuel smiles) सैमुअल स्माइल्स:-चरित्र के दर्पण में छोटी-छोटी बातें शोभा पाती हैं और लम्बी-चौड़ी बातें विकृत नज़र आती हैं।
- (Disraeli) डिजरायली:-चरित्र की सर्विस करनेवाली निश्चित परिचारिका वाणी है। ने कहा
पोस्ट निष्कर्ष
ऊपर दिए गए आर्टिकल में कुछ महापुरुषों के द्वारा चरित्र पर अपना विवरण दिया गया है, जिससे हमारे चरित का एक निर्माण होता है और चरित्र पवित्रता एवं हमें सम्मान की दृष्टि प्रदान करता है. चरित का निर्माण हमारे जीवन का एक सर्व मूल तत्व कह सकते हैं. आशा है आप को ऊपर दिया गया कंटेंट जरूर अच्छा लगा होगा. अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें,
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1 thought on “चरित्र-निर्माण के लिए आवश्यक बातें जो महापुरुषों ने बताएं”
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