स्वभाव पर महत्त्वपूर्ण महापुरुषों के वक्तव्य, Statements of great men on nature

स्वभाव क्या है? क्या या बदला जा सकता है। किस स्वभाव के व्यक्ति को अच्छा कहा गया है और किस से बुरी की संज्ञा दी गई है। अच्छे स्वभाव (nature) से क्या-क्या प्राप्त होता है? और बुरे स्वभाव से क्या-क्या हानियाँ? आइए हम जानते हैं गॉड ज्ञान (God Gyan) के अंतर्गत स्वभाव (nature) पर महत्त्वपूर्ण महापुरुषों के वक्तव्य जो हमारे जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं। इसे पूरा पढ़ें यह ज्ञान की बातें बहुत ही उपयोगी है तो चलिए शुरू करते हैं।

स्वभाव पर महापुरुषों के विचार,स्वभाव
स्वभाव पर महापुरुषों के विचार

महापुरुषों के स्वभाव पर वक्तव्य (character of great men)

  • पंचतंत्र (Panchatantra) :-उपदेश से Svabhaav नहीं बदला जा सकता है। गर्म किया हुआ पानी फिर शीतल हो जाता है।
  • लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak) :-में नर्क में जाने से नहीं डरता यदि पुस्तकें मेरे साथ हो, मैं नर को स्वर्ग बना दूंगा।
  • बीचर (Beecher) ;-अच्छा Svabhaav शहद की मक्खी की तरह है, जो प्रत्येक झाड़ी से शहद ही निकालती है।
  • कालिदास (Kalidas) :-जल तो आग की गर्मी पाकर ही गर्म होता है, उसका अपना स्वभाव तो ठंडा ही होता है।
  • अज्ञात (unknown) :-वैवाहिक जीवन में तो पति पत्नी का Svabhaav ही जीवन की बुनियाद है।
  • एस मार्डन (s marden) ;-इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति का Svabhaav प्रकृति रूप से ऐसा नहीं है जिसे कंप्लीट कहा जा सके. उसे आवश्यकता होती है देखभाल की, आत्म संयम की।
  • भर्तृहरि (Bhartrihari) :-जिसका जो स्वभाविक गुण है, उसे उससे वंचित करने की क्षमता किसी में भी नहीं होती है। हंस का स्वाभाविक गुण हैं कि वह दूध और पानी को अलग कर सकता है। स्वयं विधाता भी इस कार्य में असमर्थ हैं। हंस के कुपित होने पर विधाता उसका निवास स्थान छीन सकता है किंतु उसके नीरक्षीर विवेक को बुद्धि को नहीं छीन सकता है।
  • डी. पॉल (D. Paul) :-हमारे स्वभाव का प्रभाव हमारे परिवार के दूसरे किसी सदस्य की उन्नति या अवनति पर भी पड़ता है।
  • नीतिवचन (proverbs) :-स्वभाव की उग्रता झगड़े की आग को भड़काती है, परंतु विलंब से क्रोध करने वाला व्यक्ति अपने मधुर वचन से बुझा देता है।

स्वभाव पर महापुरुषों के विचार (great men on nature)

  • स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) :-स्वभाव के अनुसार उन्नति कीजिए, संस्कार स्वयं आपके पास चले आएंगे।
  • डी. बारिया (D. Baria) :-सुबह ही मनुष्य के जीवन का स्वर्ग या नरक निर्धारित करता है।
  • चेस्टर फील्ड (Chester Field) :-एक चोट को आदमी शीघ्र भूल जाता है लेकिन अपमान को देरी से।
  • वेदव्यास (Veda Vyasa) :-बुरे लोगों की निंदा में ही आनंद आता है। सारे रसों को चखकर भी कौवा गंदगी से ही तृप्त होता है।
  • संतवाणी (Santvani) :-स्वभाव कच्ची मिट्टी की भांति होता है जिसकी कोई शक्ल नहीं होती है, इसे आकृति देने की आवश्यकता होती है।
  • हितोपदेश (hitopadesh) :-जिसका जो स्वभाव है, उसे छुड़ाना कठिन है। यदि कुत्ता राजा बना दिया जाए, तो क्या वह जूता नहीं चबाएगा।
  • चीनी कहावत (Chinese proverb) :-अगल-बगल देख-समझकर व्यवहार करने वाला कभी धोखा नहीं खाता है।
  • स्वेट मार्डन (sweat marden) :-घर की खुशहाली में Svabhaav का बड़ा महत्त्व होता है।
  • जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) :-अच्छा स्वभाव सुंदरता की पूर्ति कर देता है, परंतु सुंदरता अच्छे स्वभाव की कमी की पूर्ति नहीं कर सकती।
  • सूक्ति ग्रंथ (sookti granth) यदि हम आत्मिक सुख चाहते हैं तो हमें हंसते-हंसते जीवन गुजारना होगा, इसके लिए आवश्यकता है स्वभाव को अनुकूल बनाने की।
  • ऑस्कर वाइल्ड (Oscar Wilde) आप मुझसे यह ना कहो कि आप मुझसे सहमत हैं। जब लोग मुझ से सहमति प्रकट करते हैं तो मैं सदैव यह सोचता हूँ मैं गलती पर था।
  • वेदांत तीर्थ (vedaant teerth) :-जन्म जन्मांतरओं में किए हुए कर्मों की निरंतरता का परिणाम होता है स्वभाव। नकारात्मक स्वभाव या आदतों को तोड़ने के लिए सद्विचार श्रेष्ठ साधन हैं।
  • चाणक्य (Chanakya) अधम मनुष्य धन को चाहते हैं, मध्यम वर्ग के लोग धन और मान दोनों चाहते हैं, किंतु उत्तम वर्ग के लोग केवल मान चाहते हैं, क्योंकि मान ही सब धन से बड़ा है।

स्वभाव पर प्रेमचंद जी के विचार (Premchand on nature)

स्वभाव सबका भिन्न-भिन्न होता है। ना कि किसी के बनने से बनता है ना बिगड़ने से बिगड़ता है। स्वभाव इंसान को जन्म से मिलता है और शिक्षा तथा संगति से उसे सुधारा जा सकता है। कोई व्यक्ति अचानक स्वभाव के विपरीत आचरण करें, तब शंका कीजिए. दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण हैं। व्यक्ति के स्वभाव पर उसका भविष्य निर्भर करता है।

पोस्ट निष्कर्ष

मेरे अच्छे पाठको आपने इस पोस्ट को पढ़ा, स्वभाव हमारे जीवन चरित्र को बदलता है और अच्छे रास्ते पर लाता है। महापुरुषों के बताए हुए स्वभाव पर सटीक विचार को आपने पढ़ा। आशा है हम आप अपने स्वभाव में परिवर्तन करके अच्छे परिवार समाज और देश का निर्माण कर सकते हैं और अपनी ज़िन्दगी को हंसते खेलते गुजार सकते हैं। आशा है आपको ऊपर दिया गया स्वभाव पर महत्त्वपूर्ण महापुरुषों के वक्तव्य बहुत अच्छा लगा होगा। दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद।

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1 thought on “स्वभाव पर महत्त्वपूर्ण महापुरुषों के वक्तव्य, Statements of great men on nature”

  1. यह जानकारी योग्य हैं इस जानकारी को पढ़कर आपको इस कंटेंट से रिलेटेड कुछ मन में उठने वाले सवालों का जवाब जरूर मिल गया होगा। वैसे देखा जाए तो आजकल हर भाषा मैं समझने में सहूलियत होती है। जैसे कि “संस्कृत से हिन्दी ट्रांसलेशन” संस्कृत हिन्दी टू संस्कृत ट्रांसलेट कैसे करें आदि जानकारी आप पढ़ सकते हैं।

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